माँं छिन्नमस्तिका मंदिर,रजरप्पा, झारख&
· 29.12.2022 · 17:00:36 ··· ··· Thursday ·· 4 (4)
Pooja Varma #dekhohamarajharkhand
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Camera, Video editing & presentation by Dr.Pooja Varma
झारखंड राज्य में रामगढ़ ज़िला स्थित रजरप्पा नामक स्थान पर मां छिन्नमस्तिका का मूल स्थान है और वहां की कुलदेवी के रूप में भी पूजित हैं। रजरप्पा में दामोदर नदी और भैरवी नदी के संगम स्थल पर मां छिन्नमस्तिका का मंदिर है ।
दामोदर नदी को एक पुरुष नदी माना जाता है और भैरवी नदी स्त्री नदी है ।दस महाविद्या में भगवती छिन्नमस्ता मां छठी महाविद्या है जिन्हे गुप्त कामाख्या, वज्र विरोचीनी, प्रचंड चंडिका इत्यादि नामों से भी जाना जाता है।
मां छिन्नमस्तिका के स्वरूप में माता ने स्वयं का मस्तक काटकर अपने बाएं हाथ में में गिर रही हैं और तीसरी धार भगवती के कटे हुए सर में स्वयं पी रहे हैं यह स्वरूप भगवती का सृष्टि के संचालन और विनाश का प्रतीक है गले से बनने वाली 3 धाराएं इड़ा, पिंगला एवं सुषुम्ना नाड़ी का घोतक है। इस स्थान पर शंख ,साड़ी, चूड़ी ,बिंदी आदि भगवती को अर्पण होता है।वाम मार्ग के अनुरूप पशु बलि और दक्षिण मार्ग में नारियल बलि प्रदान की जाती है।
रजरप्पा झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 70 किलोमीटर दूर रामगढ़ ज़िला में स्थित है जो सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है । यहां वर्ष भर किसी भी समय जाया जा सकता है । भगवती का यह सिद्ध मंदिर रामगढ़ ज़िला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। अब झार बीजेखंड सरकार के सहयोग से रजरप्पा स्थान पर ठहरने की कई सुविधाएं उपलब्ध हो गई है एवं अच्छे-अच्छे होटलों का भी निर्माण हो गया है । वैसे तो यहां हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है किंतु नवरात्रि में यहां काफी भीड़ रहती है।
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