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30-06-24 Hindi Bible Reading

· 30.06.2024 · 01:30:07 ··· Sonntag ⭐ 3 🎬 7 📺 Mahima AG Church
इफिसियों 6:1‭-‬24
हे बालको, प्रभु में अपने माता–पिता के आज्ञाकारी बनो, क्योंकि यह उचित है। “अपनी माता और पिता का आदर कर (यह पहली आज्ञा है जिसके साथ प्रतिज्ञा भी है) कि तेरा भला हो, और तू धरती पर बहुत दिन जीवित रहे।” हे बच्‍चेवालो, अपने बच्‍चों को रिस न दिलाओ, परन्तु प्रभु की शिक्षा और चेतावनी देते हुए उनका पालन–पोषण करो। हे दासो, जो लोग इस संसार में तुम्हारे स्वामी हैं, अपने मन की सीधाई से डरते और काँपते हुए, जैसे मसीह की वैसे ही उनकी भी आज्ञा मानो। मनुष्यों को प्रसन्न करनेवालों के समान दिखाने के लिये सेवा न करो, पर मसीह के दासों के समान मन से परमेश्‍वर की इच्छा पर चलो, और उस सेवा को मनुष्यों की नहीं परन्तु प्रभु की जानकर सच्‍चे हृदय से करो। क्योंकि तुम जानते हो कि जो कोई जैसा अच्छा काम करेगा, चाहे दास हो चाहे स्वतंत्र, प्रभु से वैसा ही पाएगा। हे स्वामियो, तुम भी धमकियाँ देना छोड़कर उनके साथ वैसा ही व्यवहार करो; क्योंकि तुम जानते हो कि उन का और तुम्हारा दोनों का स्वामी स्वर्ग में है, और वह किसी का पक्ष नहीं करता। इसलिये प्रभु में और उसकी शक्‍ति के प्रभाव में बलवन्त बनो। परमेश्‍वर के सारे हथियार बाँध लो कि तुम शैतान की युक्‍तियों के सामने खड़े रह सको। क्योंकि हमारा यह मल्‍लयुद्ध लहू और मांस से नहीं परन्तु प्रधानों से, और अधिकारियों से, और इस संसार के अन्धकार के हाकिमों से और उस दुष्‍टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं। इसलिये परमेश्‍वर के सारे हथियार बाँध लो कि तुम बुरे दिन में सामना कर सको, और सब कुछ पूरा करके स्थिर रह सको। इसलिये सत्य से अपनी कमर कसकर, और धार्मिकता की झिलम पहिन कर, और पाँवों में मेल के सुसमाचार की तैयारी के जूते पहिन कर; और इन सब के साथ विश्‍वास की ढाल लेकर स्थिर रहो जिससे तुम उस दुष्‍ट के सब जलते हुए तीरों को बुझा सको। और उद्धार का टोप, और आत्मा की तलवार, जो परमेश्‍वर का वचन है, ले लो। हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और विनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार विनती किया करो, और मेरे लिये भी कि मुझे बोलने के समय ऐसा प्रबल वचन दिया जाए कि मैं साहस के साथ सुसमाचार का भेद बता सकूँ, जिसके लिये मैं जंजीर से जकड़ा हुआ राजदूत हूँ; और यह भी कि मैं उसके विषय में जैसा मुझे चाहिये साहस से बोलूँ। तुखिकुस, जो प्रिय भाई और प्रभु में विश्‍वासयोग्य सेवक है, तुम्हें सब बातें बताएगा कि तुम भी मेरी दशा जानो कि मैं कैसा रहता हूँ। उसे मैं ने तुम्हारे पास इसी लिये भेजा है कि तुम हमारी दशा को जानो, और वह तुम्हारे मनों को शान्ति दे। परमेश्‍वर पिता और प्रभु यीशु मसीह की ओर से भाइयों को शान्ति और विश्‍वास सहित प्रेम मिले। जो हमारे प्रभु यीशु मसीह से सच्‍चा प्रेम रखते हैं, उन सब पर अनुग्रह होता रहे।

2 इतिहास 1:1‭-‬17
दाऊद का पुत्र सुलैमान राज्य में स्थिर हो गया, और उसका परमेश्‍वर यहोवा उसके संग रहा और उसको बहुत ही बढ़ाया। सुलैमान ने सारे इस्राएल से, अर्थात् सहस्रपतियों, शतपतियों, न्यायियों, और इस्राएल के सब प्रधानों से जो पितरों के घरानों के मुख्य मुख्य पुरुष थे, बातें कीं। तब सुलैमान पूरी मण्डली समेत गिबोन के ऊँचे स्थान पर गया, क्योंकि परमेश्‍वर का मिलापवाला तम्बू, जिसे यहोवा के दास मूसा ने जंगल में बनाया था, वह वहीं पर था। परन्तु परमेश्‍वर के सन्दूक को दाऊद किर्यत्यारीम से उस स्थान पर ले आया था जिसे उसने उसके लिये तैयार किया था, उसने तो उसके लिये यरूशलेम में एक तम्बू खड़ा कराया था। पर पीतल की जो वेदी ऊरी के पुत्र बसलेल ने, जो हूर का पोता था बनाई थी, वह गिबोन में यहोवा के निवास के सामने थी। इसलिये सुलैमान मण्डली समेत उसके पास गया। सुलैमान ने वहीं उस पीतल की वेदी के पास जाकर, जो यहोवा के सामने मिलापवाले तम्बू के पास थी, उस पर एक हज़ार होमबलि चढ़ाए। उसी रात को परमेश्‍वर ने सुलैमान को दर्शन देकर उससे कहा, “जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूँ, वह माँग।” सुलैमान ने परमेश्‍वर से कहा, “तू मेरे पिता दाऊद पर बड़ी करुणा करता रहा और मुझ को उसके स्थान पर राजा बनाया है। अब हे यहोवा परमेश्‍वर! जो वचन तू ने मेरे पिता दाऊद को दिया था, वह पूरा हो; तू ने तो मुझे ऐसी प्रजा का राजा बनाया है जो भूमि की धूल के किनकों के समान बहुत है। अब मुझे ऐसी बुद्धि और ज्ञान दे कि मैं इस प्रजा के सामने अन्दर–बाहर आना–जाना कर सकूँ, क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके?” परमेश्‍वर ने सुलैमान से कहा, “तेरी जो ऐसी ही इच्छा हुई, अर्थात् तू ने न तो धन सम्पत्ति माँगी है, न ऐश्‍वर्य और न अपने बैरियों का प्राण और न अपनी दीर्घायु माँगी, केवल बुद्धि और ज्ञान का वर माँगा है, जिस से तू मेरी प्रजा का जिसके ऊपर मैं ने तुझे राजा नियुक्‍त किया है, न्याय कर सके, इस कारण बुद्धि और ज्ञान तुझे दिया जाता है। मैं तुझे इतनी धन सम्पत्ति और ऐश्‍वर्य भी दूँगा, जितना न तो तुझ से पहले किसी राजा को मिला और न तेरे बाद किसी राजा को मिलेगा।” तब सुलैमान गिबोन के ऊँचे स्थान से, अर्थात् मिलापवाले तम्बू के सामने से यरूशलेम को आया और वहाँ इस्राएल पर राज्य करने लगा। फिर सुलैमान ने रथ और सवार इकट्ठे कर लिये; और उसके चौदह सौ रथ और बारह हज़ार सवार थे, और उनको उसने रथों के नगरों में, और यरूशलेम में राजा के पास ठहरा रखा। राजा ने ऐसा किया कि यरूशलेम में सोने–चाँदी का मूल्य बहुतायत के कारण पत्थरों का सा, और देवदारों का मूल्य नीचे के देश के गूलरों का सा बना दिया। जो घोड़े सुलैमान रखता था वे मिस्र से आते थे, और राजा के व्यापारी उन्हें झुण्ड के झुण्ड ठहराए हुए दाम पर लिया करते थे। एक रथ छ: सौ शेकेल चाँदी पर, और एक घोड़ा डेढ़ सौ शेकेल पर मिस्र से आता था; और इसी दाम पर वे हित्तियों के सब राजाओं और अराम के राजाओं के लिये उन्हीं के द्वारा लाया करते थे।

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