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Bible reading in hindi for bible in one year 01/08/23

· 01.08.2023 · 04:52:54 ··· Dienstag ⭐ 0 🎬 0 📺 Mahima AG Church
Bible reading in hindi
for bible in one year 01/08/23

Psalms 89 : 46-52
Romans 14 : 19-23
Romans 15 : 1-13
1Chronicles 11 : 1-47
1Chronicles 12 : 1-22

भजन संहिता 89:46‭-‬52
हे यहोवा, तू कब तक लगातार मुँह मोड़े रहेगा, तेरी जलजलाहट कब तक आग के समान भड़की रहेगी। मेरा स्मरण कर कि मैं कैसा अनित्य हूँ, तू ने सब मनुष्यों को क्यों व्यर्थ सिरजा है? कौन पुरुष सदा अमर रहेगा? क्या कोई अपने प्राण को अधोलोक से बचा सकता है? (सेला) हे प्रभु, तेरी प्राचीनकाल की करुणा कहाँ रही, जिसके विषय में तू ने अपनी सच्‍चाई की शपथ दाऊद से खाई थी? हे प्रभु, अपने दासों की नामधराई की सुधि ले; मैं तो सब सामर्थी जातियों का बोझ लिए रहता हूँ। तेरे उन शत्रुओं ने तो हे यहोवा, तेरे अभिषिक्‍त के पीछे पड़कर उसकी नामधराई की है। यहोवा सर्वदा धन्य रहेगा! आमीन फिर आमीन।

रोमियों 14:19‭-‬23
इसलिये हम उन बातों में लगे रहें जिनसे मेलमिलाप और एक दूसरे का सुधार हो। भोजन के लिये परमेश्‍वर का काम न बिगाड़। सब कुछ शुद्ध तो है, परन्तु उस मनुष्य के लिये बुरा है जिसको उसके भोजन से ठोकर लगती है। भला तो यह है कि तू न मांस खाए और न दाखरस पीए, न और कुछ ऐसा करे जिससे तेरा भाई ठोकर खाए। तेरा जो विश्‍वास हो, उसे परमेश्‍वर के सामने अपने ही मन में रख। धन्य है वह जो उस बात में, जिसे वह ठीक समझता है, अपने आप को दोषी नहीं ठहराता। परन्तु जो सन्देह कर के खाता है वह दण्ड के योग्य ठहर चुका, क्योंकि वह विश्‍वास से नहीं खाता; और जो कुछ विश्‍वास* से नहीं, वह पाप है।

रोमियों 15:1‭-‬13
अत: हम बलवानों को चाहिए कि निर्बलों की निर्बलताओं को सहें, न कि अपने आप को प्रसन्न करें। हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उसकी भलाई के लिये प्रसन्न करे कि उसकी उन्नति हो। क्योंकि मसीह ने अपने आप को प्रसन्न नहीं किया, पर जैसा लिखा है: “तेरे निन्दकों की निन्दा मुझ पर आ पड़ी।” जितनी बातें पहले से लिखी गईं, वे हमारी ही शिक्षा के लिये लिखी गईं हैं कि हम धीरज और पवित्रशास्त्र के प्रोत्साहन द्वारा आशा रखें। धीरज और शान्ति का दाता परमेश्‍वर तुम्हें यह वरदान दे कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में एक मन रहो। ताकि तुम एक मन और एक स्वर में हमारे प्रभु यीशु मसीह के पिता परमेश्‍वर की स्तुति करो। इसलिये, जैसा मसीह ने परमेश्‍वर की महिमा के लिये तुम्हें ग्रहण किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे को ग्रहण करो। इसलिये मैं कहता हूँ कि जो प्रतिज्ञाएँ बापदादों को दी गई थीं उन्हें दृढ़ करने के लिये मसीह, परमेश्‍वर की सच्‍चाई का प्रमाण देने के लिये, खतना किए हुए लोगों का सेवक बना; और अन्यजातीय भी दया के कारण परमेश्‍वर की स्तुति करें; जैसा लिखा है, “इसलिये मैं जाति–जाति में तेरा धन्यवाद करूँगा, और तेरे नाम के भजन गाऊँगा।” फिर कहा है, “हे जाति जाति के सब लोगो, उसकी प्रजा के साथ आनन्द करो।” और फिर, “हे जाति–जाति के सब लोगो, प्रभु की स्तुति करो; और हे राज्य राज्य के सब लोगो, उसे सराहो।” और फिर यशायाह कहता है, “यिशै की एक जड़ प्रगट होगी, और अन्यजातियों का हाकिम होने के लिये एक उठेगा, उस पर अन्यजातियाँ आशा रखेंगी।” परमेश्‍वर जो आशा का दाता है तुम्हें विश्‍वास करने में सब प्रकार के आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण करे, कि पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से तुम्हारी आशा बढ़ती जाए।

1 इतिहास 11:1‭-‬47
तब सब इस्राएली दाऊद के पास हेब्रोन में इकट्ठा होकर कहने लगे, “सुन, हम लोग और तू एक ही हड्डी और मांस हैं। पिछले दिनों में जब शाऊल राजा था, तब भी इस्राएलियों का अगुआ तू ही था, और तेरे परमेश्‍वर यहोवा ने तुझ से कहा, ‘मेरी प्रजा इस्राएल का चरवाहा, और मेरी प्रजा इस्राएल का प्रधान तू ही होगा।’ ” इसलिये सब इस्राएली पुरनिये हेब्रोन में राजा के पास आए, और दाऊद ने उनके साथ हेब्रोन में यहोवा के सामने वाचा बाँधी; और उन्होंने यहोवा के वचन के अनुसार, जो उसने शमूएल से कहा था, इस्राएल का राजा होने के लिये दाऊद का अभिषेक किया। तब समस्त इस्राएलियों समेत दाऊद यरूशलेम गया, जो यबूस भी कहलाता था, और वहाँ यबूसी नामक उस देश के निवासी रहते थे। तब यबूस के निवासियों ने दाऊद से कहा, “तू यहाँ आने नहीं पाएगा।” तौभी दाऊद ने सिय्योन नामक गढ़ को ले लिया, वही दाऊदपुर भी कहलाता है। दाऊद ने कहा, “जो कोई यबूसियों को सबसे पहले मारेगा, वह मुख्य सेनापति होगा।” तब सरूयाह का पुत्र योआब सबसे पहले चढ़ गया, और सेनापति बन गया। तब दाऊद उस गढ़ में रहने लगा, इसलिये उसका नाम दाऊदपुर पड़ा। उसने नगर के चारों ओर, अर्थात् मिल्‍लो से लेकर चारों ओर शहरपनाह बनवाई, और योआब ने शेष नगर के खण्डहरों को फिर बसाया। दाऊद की प्रतिष्‍ठा अधिक बढ़ती गई और सेनाओं का यहोवा उसके संग था। यहोवा ने इस्राएल के विषय जो वचन कहा था, उसके अनुसार दाऊद के जिन शूरवीरों ने समस्त इस्राएलियों समेत उसके राज्य में उसके पक्ष में होकर, उसे राजा बनाने को जोर दिया, उनमें से मुख्य पुरुष ये हैं। दाऊद के शूरवीरों की नामावली यह है, अर्थात् एक हक्मोनी का पुत्र याशोबाम जो तीसों में मुख्य था, उसने तीन सौ पुरुषों पर भाला चला कर, उन्हें एक ही समय में मार डाला। उसके बाद अहोही दीदो का पुत्र एलीआज़र जो तीनों महान् वीरों में से एक था। वह पसदम्मीम में जहाँ जौ का एक खेत था, दाऊद के संग रहा जब पलिश्ती वहाँ युद्ध करने को इकट्ठे हुए थे, और लोग पलिश्तियों के सामने से भाग गए। तब उन्होंने उस खेत के बीच में खड़े होकर उसकी रक्षा की, और पलिश्तियों को मारा, और यहोवा ने उनका बड़ा उद्धार किया। तीसों मुख्य पुरुषों में से तीन दाऊद के पास चट्टान को, अर्थात् अदुल्‍लाम नामक गुफा में गए, और पलिश्तियों की छावनी रपाईम नामक तराई में पड़ी हुई थी। उस समय दाऊद गढ़ में था, और उस समय पलिश्तियों की एक चौकी बैतलहम में थी। तब दाऊद ने बड़ी अभिलाषा के साथ कहा, “कौन मुझे बैतलहम के फाटक के पास के कुएँ का पानी पिलाएगा।” तब वे तीनों जन पलिश्तियों की छावनी पर टूट पड़े और बैतलहम के फाटक के

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