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Bible reading in hindi for bible in one year 31/07/23

· 31.07.2023 · 01:30:06 ··· Montag ⭐ 0 🎬 0 📺 Mahima AG Church
Bible reading in hindi
for bible in one year 31/07/23

Proverbs 18 : 17-24
Proverbs 19 : 1-2
Romans 14 : 1-18
1Chronicles 9 : 1-44
1Chronicles 10 : 1-14

नीतिवचन 18:17‭-‬24
मुक़द्दमे में जो पहले बोलता, वही सच्‍चा जान पड़ता है, परन्तु बाद में दूसरे पक्षवाला आकर उसे जाँच लेता है। चिट्ठी डालने से झगड़े बन्द होते हैं, और बलवन्तों की लड़ाई का अन्त होता है। चिढ़े हुए भाई को मनाना दृढ़ नगर के ले लेने से कठिन होता है, परन्तु झगड़े राजभवन के बेण्डों के समान हैं। मनुष्य का पेट मुँह की बातों के फल से भरता है; और बोलने से जो कुछ प्राप्‍त होता है उससे वह तृप्‍त होता है। जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसे काम में लाना जानता है वह उसका फल भोगेगा। जिसने स्त्री ब्याह ली, उसने उत्तम पदार्थ पाया, और यहोवा का अनुग्रह उस पर हुआ है। निर्धन गिड़गिड़ाकर बोलता है, परन्तु धनी कड़ा उत्तर देता है। मित्रों के बढ़ाने से तो नाश होता है, परन्तु ऐसा मित्र होता है, जो भाई से भी अधिक मिला रहता है।

नीतिवचन 19:1‭-‬2
जो निर्धन खराई से चलता है, वह उस मूर्ख से उत्तम है जो टेढ़ी बातें बोलता है। मनुष्य का ज्ञानरहित रहना अच्छा नहीं, और जो उतावली से दौड़ता है वह चूक जाता है।

रोमियों 14:1‭-‬18
जो विश्‍वास में निर्बल है, उसे अपनी संगति में ले लो, परन्तु उसकी शंकाओं पर विवाद करने के लिये नहीं। एक को विश्‍वास है कि सब कुछ खाना उचित है, परन्तु जो विश्‍वास में निर्बल है वह साग पात ही खाता है। खानेवाला न–खानेवाले को तुच्छ न जाने, और न–खानेवाला खानेवाले पर दोष न लगाए; क्योंकि परमेश्‍वर ने उसे ग्रहण किया है। तू कौन है जो दूसरे के सेवक पर दोष लगाता है? उसका स्थिर रहना या गिर जाना उसके स्वामी ही से सम्बन्ध रखता है; वरन् वह स्थिर ही कर दिया जाएगा, क्योंकि प्रभु उसे स्थिर रख सकता है। कोई तो एक दिन को दूसरे से बढ़कर मानता है, और कोई सब दिनों को एक समान मानता है। हर एक अपने ही मन में निश्‍चय कर ले। जो किसी दिन को मानता है, वह प्रभु के लिये मानता है। जो खाता है, वह प्रभु के लिये खाता है, क्योंकि वह परमेश्‍वर का धन्यवाद करता है, और जो नहीं खाता, वह प्रभु के लिये नहीं खाता और परमेश्‍वर का धन्यवाद करता है। क्योंकि हम में से न तो कोई अपने लिये जीता है और न कोई अपने लिये मरता है। यदि हम जीवित हैं, तो प्रभु के लिये जीवित हैं; और यदि मरते हैं, तो प्रभु के लिये मरते हैं; अत: हम जीएँ या मरें, हम प्रभु ही के हैं। क्योंकि मसीह इसी लिये मरा और जी भी उठा कि वह मरे हुओं और जीवतों दोनों का प्रभु हो। तू अपने भाई पर क्यों दोष लगाता है? या तू फिर क्यों अपने भाई को तुच्छ जानता है? हम सब के सब परमेश्‍वर के न्याय सिंहासन के सामने खड़े होंगे। क्योंकि लिखा है, “प्रभु कहता है, मेरे जीवन की सौगन्ध कि हर एक घुटना मेरे सामने टिकेगा, और हर एक जीभ परमेश्‍वर को अंगीकार करेगी।” इसलिये हम में से हर एक परमेश्‍वर को अपना अपना लेखा देगा। अत: आगे को हम एक दूसरे पर दोष न लगाएँ, पर तुम यह ठान लो कि कोई अपने भाई के सामने ठेस या ठोकर खाने का कारण न रखे। मैं जानता हूँ और प्रभु यीशु में मुझे निश्‍चय हुआ है कि कोई वस्तु अपने आप से अशुद्ध नहीं, परन्तु जो उसको अशुद्ध समझता है उसके लिये अशुद्ध है। यदि तेरा भाई तेरे भोजन के कारण उदास होता है, तो फिर तू प्रेम की रीति से नहीं चलता; जिसके लिये मसीह मरा, उसको तू अपने भोजन के द्वारा नष्‍ट न कर। अत: तुम्हारे लिये जो भला है उसकी निन्दा न होने पाए। क्योंकि परमेश्‍वर का राज्य खाना–पीना नहीं, परन्तु धर्म और मेलमिलाप और वह आनन्द है जो पवित्र आत्मा से होता है। जो कोई इस रीति से मसीह की सेवा करता है, वह परमेश्‍वर को भाता है और मनुष्यों में ग्रहणयोग्य ठहरता है।

1 इतिहास 9:1‭-‬44
इस प्रकार सब इस्राएली अपनी अपनी वंशावली के अनुसार, जो इस्राएल के राजाओं के वृत्तान्त की पुस्तक में लिखी हैं, गिने गए। यहूदी अपने विश्‍वासघात के कारण बन्दी बनाकर बेबीलोन को पहुँचाए गए। बँधुआई से लौटकर जो लोग अपनी अपनी निज भूमि अर्थात् अपने नगरों में रहते थे, वे इस्राएली, याजक, लेवीय और मन्दिर के सेवक थे। यरूशलेम में कुछ यहूदी, कुछ बिन्यामीनी, और कुछ एप्रैमी, और मनश्शेई, रहते थे: अर्थात् यहूदा के पुत्र पेरेस के वंश में से अम्मीहूद का पुत्र ऊतै, जो ओम्री का पुत्र और इम्री का पोता और बानी का परपोता था। शीलोइयों में से उसका जेठा पुत्र असायाह और उसके पुत्र। जेरह के वंश में से यूएल, और इनके भाई, ये छ: सौ नब्बे हुए। फिर बिन्यामीन के वंश में से सल्‍लू जो मशुल्‍लाम का पुत्र, होदव्याह का पोता, और हस्सनूआ का परपोता था। यिब्रिय्याह जो यरोहाम का पुत्र था, और एला जो उज्जी का पुत्र, और मिक्री का पोता था; और मशुल्‍लाम जो शपत्याह का पुत्र, रूएल का पोता, और यिब्निय्याह का परपोता था; और इनके भाई जो अपनी अपनी वंशावली के अनुसार मिलकर नौ सौ छप्पन थे। ये सब पुरुष अपने अपने पितरों के घरानों के अनुसार पितरों के घरानों में मुख्य थे। याजकों में से यदायाह, यहोयारीब और याकीन, और अजर्याह जो परमेश्‍वर के भवन का प्रधान और हिलकिय्याह का पुत्र था, यह मशुल्‍लाम का पुत्र, यह सादोक का पुत्र, यह मरायोत का पुत्र, यह अहीतूब का पुत्र था; और अदायाह जो यरोहाम का पुत्र था, यह पशहूर का पुत्र, यह मल्कियाह का पुत्र, यह मासै का पुत्र, यह अदोएल का पुत्र, यह जेरा का पुत्र, यह मशुल्‍लाम का पुत्र, यह मशिल्‍लीत का पुत्र, यह इम्मेर का पुत्र था; और इनके भाई थे जो अपने अपने पितरों के घरानों में सत्रह सौ साठ मुख्य पुरुष थे, वे परमेश्‍वर के भवन की सेवा के काम में बहुत निपुण पुरुष थे। फिर लेवियों में से मरारी के वंश में से शमायाह जो हश्शूब का पुत्र, अज्रीकाम का पोता, और हशब्याह का परपोता था, और बकबक्‍कर, हेरेश और गालाल; और आसाप के वंश में से मत्तन्याह जो मीका का पुत्र, और जिक्री का पोता था; और ओबद्याह जो शमायाह का पुत्र,ओबद्याह जो

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